1 तीमुथियुस 6 : 1 (HOV)
जितने दास जूए के नीचे हैं, वे अपने अपने स्वामी को बड़े आदर के योग्य जानें, ताकि परमेश्वर के नाम और उपदेश की निन्दा न हो।
1 तीमुथियुस 6 : 2 (HOV)
और जिन के स्वामी विश्वासी हैं, इन्हें वे भाई होने के कारण तुच्छ न जानें; बरन उन की और भी सेवा करें, क्योंकि इस से लाभ उठाने वाले विश्वासी और प्रेमी हैं: इन बातों का उपदेश किया कर और समझाता रह।।
1 तीमुथियुस 6 : 3 (HOV)
यदि कोई और ही प्रकार का उपदेश देना है; और खरी बातों को, अर्थात् हमारे प्रभु यीशु मसीह की बातों को और उस उपदेश को नहीं मानता, जो भक्ति के अनुसार है।
1 तीमुथियुस 6 : 4 (HOV)
तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता, बरन उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिन से डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे बुरे सन्देह।
1 तीमुथियुस 6 : 5 (HOV)
और उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिन की बुद्धि बिगड़ गई है और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति कमाई का द्वार है।
1 तीमुथियुस 6 : 6 (HOV)
पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।
1 तीमुथियुस 6 : 7 (HOV)
क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं।
1 तीमुथियुस 6 : 8 (HOV)
और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए।
1 तीमुथियुस 6 : 9 (HOV)
पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।
1 तीमुथियुस 6 : 10 (HOV)
क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटककर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।।
1 तीमुथियुस 6 : 11 (HOV)
पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।
1 तीमुथियुस 6 : 12 (HOV)
विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था।
1 तीमुथियुस 6 : 13 (HOV)
मैं तुझे परमेश्वर को जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह करके जिस ने पुन्तियुस पीलातुस के साम्हने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूं,
1 तीमुथियुस 6 : 14 (HOV)
कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष रख।
1 तीमुथियुस 6 : 15 (HOV)
जिसे वह ठीक समयों में दिखाएगा, जो परमधन्य और अद्वैत अधिपति और राजाओं का राजा, और प्रभुओं का प्रभु है।
1 तीमुथियुस 6 : 16 (HOV)
और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन।।
1 तीमुथियुस 6 : 17 (HOV)
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
1 तीमुथियुस 6 : 18 (HOV)
और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों।
1 तीमुथियुस 6 : 19 (HOV)
और आगे के लिये एक अच्छी नेव डाल रखें, कि सत्य जीवन को वश में कर लें।।
1 तीमुथियुस 6 : 20 (HOV)
हे तीमुथियुस इस थाती की रखवाली कर और जिस ज्ञान को ज्ञान कहना ही भूल है, उसके अशुद्ध बकवाद और विरोध की बातों से परे रह।
1 तीमुथियुस 6 : 21 (HOV)
कितने इस ज्ञान का अंगीकार करके, विश्वास से भटक गए हैं।। तुम पर अनुग्रह होता रहे।।

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